K.G.F. Chapter 1: नमस्कार दोस्तों, आज हम जिस फिल्म के बारे में बात करने वाले वाले है उस फिल्म का नाम KGF Chapter 1 है इस मूवी की स्टोरी बताने से पहले में आप सभी एक सबसे खास बात बता देता हु। हिंदी मूवी को एक्सप्लेन करना कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा इस लिए क्यों की हिंदी फिल्म को तो, आप सब बहुत ही आसानी से समझ सकते है।
यह मेरे पहला आर्टिकल है मूवी की स्टोरी एक्सप्लेन करने का। आज का स्टोरी ऐसे है जिससे आपके दिलों में उन कहानिओं को जिन्दा करा देगा। जिसकी आपने कभी ना कभी चाहत किया होगा। यह इसी मूवी है जिसे आप देख कर उनकी कल्पनाओं में कहना चाहते थे उन्हें देखर अपनी उन यादों में वापस जाना चाहते होंगे। और उन पलों को जीना भी चाहते होंगे। तो चलिए जानते है KGF Chapter 1 मूवी की पूरी स्टोरी हिंदी में।
इस मूवी की शुरुवात होती है साल 1981 में जहाँ पर हमें दिखया जाता है पार्लमेंट में प्रेसिडेंट रिमिका सीन। यहां पर एक डेथ वारंट साइन कर रही होती है ऐसा इस लिए क्यों की इनके शहर के सबसे बदनाम और खतरनाक माफिया के खिलाफ, जिसका नाम है रॉकी। अब क्या रॉकी इनके डेथ वारंट के अकॉर्डिंग मारा जाता है की नहीं। यह हमें KGF Chapter 2 में पता चलेगा। जिसका आर्टिकल अगले दिन ही आने वाला है इसी वेबसाइट पर।
**KFG CHAPTER 1 EXPLAINED IN HINDI**
प्रेजेंट टाइम में जहां पर दिखाया जाता है 2018 यहां पर हमें दिखाया जाता है कि न्यूज़ चैनल हेड क्वार्टर जिसका नाम होता है News24 और यहां पर इनके में जर्नलिस्ट का नाम होता है दीपा । जिनके पास में किताब आई होती है उसका नाम होता है एल्डोराडो और वह कहती है कि आखिर गवर्नमेंट इस पूरी किताब को पब्लिश होने से क्यों रोक रही है और साथ ही इसकी सारी कॉपीज को क्यों चला दिया गया।
तो वहां पर News24 के ओनर आकर उनसे कहते हैं कि मैं जानता हूं कि इस किताब को लिखने वाला जो लेखक है वह कोई पगल सक्स नहीं। वह आपने लिखे हर एक शब्द को सौ बार सोच कर लिखता है तो अगर उसने किताब लिखी होगी तो इसके पीछे कोई जरुर सच्ची कहानी होगी। तो दीपा कहती है की क्यों ना यह कहानी सीधा उसी के मुँह से सुनी जाये। और अब यहां पर बुलाया जाता है मिस्टर आनंद को जो एल्डोराडो किताब के लेखक होते हैं।
और वहां पर उनसे बातचीत करने के बाद, दीपा उनसे बोलती है की ऐसा क्या सच है जिसके वजह से गवर्नमेंट इन सारी किताब को पब्लिश नहीं होने देना चाहते और साथ ही इन सभी को कॉपीज को आग लगा दी गई। वहां पर वह कहते कि क्या तुमने कभी एल्डोराडो का नाम सुना है क्या फिर तुम इसका मतलब पता है तो दीपा कहती कि हां एल्डोराडो का मतलब होता है सोने का साम्राज्य तो आनंद जी कहते हैं कि बस यह समझ लो कि यह कहानी भी एक सच्ची घटना पर आधारित है।
जहां पर एक पूरे सोने के साम्राज्य से जुड़ी कहानी और साथी एक ऐसे शख्स से जुड़ी हुई कहानी है तो दीपक है कि आखिर मैं तुम्हारी बात का विश्वास क्यों करु, तो आनंद जी कहते है की यहां से कर्नाटक में कोलार नाम का एक गांव है वहां पर एक विएरा नाम नाम का डिस्टिक है वहां पर तुम अगर जाओगी तो, तुम्हें एक शिला मिलेगी शक्ति यह उसी इंसान की मूर्ति है जो कि लोगों ने 35 फुट जमीन के नीचे गाढ़ा रखी है अगर तुम्हें को मिल जाए तो समझ लेना कि मेरी सारी बातें सच है और मैं झूठ नहीं बोल रहा।
तो वहां पर दीपा अपनी पूरी टीम को बुलवाकर उस शक्ति शीला को खोजने के लिए हजारों करोड़ों खर्च कर देती और कहती है उस शीला को मेरे सामने लेकर आओ मैं बस देखना चाहती हूं किसी इंसान की बातों में सच्चाई है या नहीं इसके बाद में आनंद जी अपनी इस किताब के जरिये उन कहानियों को सुनाना शुरू कर देते है जो उन्होने सारी बातें इस किताब में लिखी होती है।
यहां से कहानी पहुंचती है साल 1951 में जहां पर एक ही दिन में दो हादसे हुए थे हादसा नंबर एक वह पैदा हुआ जो इंसानी दुनिया का पूरा का पूरा भविष्य बदलने वाला था वहीं पर हादसा नंबर दो कोलार डिस्टिक के बेरिया गांव के अंदर एक कुएं की खुदाई करते टाइम कुछ लोगों को कुछ चमकते हुए पत्थर मिले तो जब उन चमकते पत्थरों की खोज करवाने के लिए वहां पर कुछ सरकारी अधिकारियों को बुलाया गया। तो वहां पर उस जगह का एक पावरफुल मैन यानि की शक्तिशीला इंसान भी वहां पर पहुंचा। उसके पास में वह की सत्ता का पूरा दम था और जब उसे पता चल, की वह पत्थर कोई आम पत्थर नहीं है बल्कि के सोने की चट्टान है।
तो वह पर मौजूद सारे अधिकारियों को जान से मरवा देता है और अब उस पूरी जगह को नाम दे देता है कोलार गोल्ड फील्ड यानी कि KGF, और उसे लाइमस्टोन कॉरपोरेशन के नाम पर सरकार से 99 सालों के लिए लीज पर उठा लेता है। वैसे आप कहानी 10 साल आगे बढ़ती है यानी कि साल 1961 में जहां पर इस कहानी का मेन किरदार जिसका नाम था राजा कृष्णप्पा बैरिया अपनी मां के पास में आता है। वही बताया जाता है कि 14 साल की उम्र में शादी करके 15 साल में एक बच्चे को जन्म देने के बाद में अपने पति को खो देना किसी एक बड़ी मुसीबत से कम नहीं होती है।
और यहीं पर हमें उसकी मां की खराब हालत भी दिखाई जाती है जो कि अब कैंसर से जूझ रही होती है राजा की मां अपने बेटे को सिर्फ एक ही बात अपने आखिरी शब्दों में कह कर जाती है कि तुम कैसे भी जिओ, उससे फर्क नहीं पड़ता। मगर जब भी मारो तो कोई अमीर और ताकतवर इंसान बनकर ही मरना। और वहां पर राजा अपनी मां से वादा करता है कि मां मै एक बड़ा और आमिर इंसान बनूगा। और वहीं एक तरफ उसकी मां की मौत हो जाती है और दूसरी और अब वह कर्नाटक को छोड़ देता है।
वही पर उसे एक भिखारी मिलता है तो वह कहता कि तुम मुझे उदास लग रहे हो तुम चाहते क्या हो तो वह लड़का कहता है कि मुझे पैसा चाहिए मुझे एक बड़ा अमीर इंसान बनना है तो भिखारी वहां पर रोड पर चलते एक इंसान का गला पकड़ लेता है वह इंसानों उसे पैसे देकर भाग जाता है तो भिखारी उससे एक बात बोलता है की हाथ से मांगने पर चिल्लर मिलते हैं और हाथ उठाने पर नोट मिलते है यानि जिसके पास पावर है उसके पास में पैसा है और अब यानि बात राजा के दिल में घर कर जाती है।
और वह पहुंच जाता है मुंबई सपनों की नगरी में स्टार्टिंग उसके पास में कोई काम नहीं होता तो जूते पॉलिश करता है वहीं पर वहां मौजूद बच्चों से बताते हैं कि मुंबई का डॉन शेट्टी है जिसके पास हर कोई जाना चाहता है और हर कोई उसके साथ काम करना चाहता है शाम को घर लौटते वक्त वह सब बच्चे जो जूते पॉलिश कर रहे होते है वो अपना पैसा असलम का कर देते थे तो वहां पर असलम का सेक्रेटरी असलम को कहता है कि यहां की पुलिस हमारे ऊपर आए दिन वसूली लगाते रहते हैं तो अगर हम एक पुलिस को सुलटा दे। तो वह हमारे से वसूली का पैसा नहीं माँगा। लेकिन आखिर यह काम कौन करेगा। तो कौन राजा अपना हाथ खड़ा करता है और कहता है कि यह काम तुम्हारे लिए मैं करुगा। तो असलम उसे कहता है की नाम रख लेने से कोई बड़ा काम नहीं कर पाता है। सिर्फ बड़ा काम करने वाला ही बड़ा नाम कमा पाता है और उस दिन से राजा का नाम हो जाता है रॉकी और वहां पर मौजूद पुलिस वाले के सर पर बोतल मार देता है।
और वही पर पुलिस वाला रॉकी को खोजने लगता है तो रॉकी सोचता है की अपुन उसके सर पर बोतल मारा मगर उसे तो अपुन का नाम उसको मालूम नहीं है उसको अपुन का नाम पता होना ही चाहिए। और फिर से जाकर उस पुलिस वाले के सर पर एक और बोतल खींच कर मरता है और उससे कहता है की मेरा नाम मत भूलना मेरे नाम रॉकी है और वही से रॉकी की शुरुवात होती है और इसके बाद दो पुलिस वाले रॉकी को कुत्ते की तरह खोज रही होती है तो असलम जाकर शेट्टी भाई को बोलता है की मेरा ही बच्चा है मगर मैंने उसे पुलिस वाले को समझाने के लिए कहा था।
उसको मैंने सर पर मारने के लिए नहीं कहा था तो वहां पर उसके बेटे को छुड़वा कर लेकर आते रहते हैं कि तेरा लड़का है उसका ध्यान क्यों नहीं रखता तब वहां पर रॉकी अपने मुंह से कहते हैं कि अगर कुंडा लोग को मारा तो पुलिस ढूंढती है लेकिन अगर पुलिस को मारा तो तुम जैसा डॉन ढूंढता है और जैसी शेट्टी उसका डायलॉग सुनता है तो पता लगता है कि मर्द अब इस गैंग में आ चुका है और उसे अपने गैंग में शामिल कर लेते हैं और यहीं से आप कहानी आगे बढ़ती है साल 1978 में जहाँ पर दिखया जाता है की सूर्य वर्धन को एक अटैक आ जाने की वजह से वह कोमा में चला जाता है।
वहीं पर उसकी अब 5 पिलर्स जोक इस पूरे काम में उसका साथ निभाया करते थे नंबर वन पर था कमल जो कि वार्ता के अंदर सोना पर खिलाने का काम करता था और वहीं से पिघला सोना भारत के चारों कोनों ईस्ट वेस्ट नॉर्थ और साउथ में जाया करता था इसको संभाला करता था एंड्रीव पर व्यस्त को संभाला करता था शेट्टी जिसके अंदर मुंबई और गुजरात आया करते थे नॉर्थ के अंदर हाथ पकड़ा हुआ था गुरु पांडेय ने जिस के पास में पॉलिटिकल सपोर्ट था वहीं पर साउथ में था राजेंद्र देसाई जिसकी बेंगलुरु के अंदर काफी बड़ी टीम थी जब यह बात उन पांच को पता चलती है कि सूर्यवर्धन को अटैक आया तो इस साम्राज्य को कौन संभालेगा और अब हर किसी की नजर नरसी गोल्ड फील्ड बढ़ती, नरसी का मतलब होता है सुनार का कांटा, जिसका हिंदी में मतलब होता है सुनार का कांटा राजू के दो पहलू एक हल्का और एक बारी अभी यह पर सूर्यवर्धन अपने बेटे गरुडा और साथ ही अपने छोटे भाई अधीरा को बुलाता है।
और अब हम उन दोनों में से तय करना था कि आखिर मेरे बाद में मेरा यह साम्राज्य कौन संभालेगा। तब वह पर सूर्यवर्धन आपने भाई अधीरा को बुलाता है और कहते हैं कि जिस तरीके से आज तक तुमने मेरी निस्वार्थ होकर सेवा करिए मैं चाहता हूं कि अब से तुम मेरे बेटे गरुडा की भी इसी तरीके से सेवा करो। और अपना पूरा साम्राज्य गरुड़ा को दे देता है और यहीं से अब गरुड़ा और साथ ही अधीरा के बीच में तकरार शुरू हो जाती है कभी अधीरा उसे मरवाने की कोशिश करता है तो कभी गरुड़ा और इसके अंदर गरुड़ा पास हो जाता है और वह अधीरा को जान से मरवा देता है मगर इनकी यह तकरार और उनकी प्रॉब्लम्स यहां पर खत्म होने वाली थी।
इनके सोने पर इस भारत से बाहर एक और शक की नजर थी जिसका नाम था इनायत अली दुबई के अंदर बैठा था और वह भी सारा सोना पाना चाहता था इसीलिए इनायत खलील मुंबई के डॉन शेट्टी के अगेंस्ट में जनता इसका नाम दिलावर था उससे साथ में हाथ मिला लेता है और दिलावर को कहता है कि मैं दुबई से अपना सारा सोना मुंबई में भेज रहा हूं क्यों कि गोल्ड के भाव काफी बढ़े हुए होते है मैं चाहता हूं की तुम इसे पुरे मार्किट में फैला दो। मगर मुंबई जब शेट्टी की थी और शेट्टी के पास जब रॉकी था तो उसके गोल्ड यहां पर कैसे बिकता। और इसी वजह से अब रॉकी वहां पर दिलावर के लोगों को कुत्ते की तरह पीटता है और पर पुरे रोड और इतना मरता है कि वहां पर से बचाने के लिए जो भी आता है वह भी डर कर भागने लगता है।
और फाइनली उसकी बॉडी को भी दुबई से आने वाले जहाजों के सामने लटका देता है और कहता है कि जब तक मैं यहां पर हूं मेरे अलावा यहां पर और कोई धंधा नहीं कर सकता अभी इतनी बड़ी खबर आग की तरह पहले लगती है और आप यह बात पहुंच जाती है एंट्री तक एंड्रीवा करके मिलता रहता है कि मुझे रॉकी से मिलना है रॉकी से मिलने के बाद में वह उसे काम देता है कि तुझे मेरे लिए बेंगलुरु में आना पड़ेगा और तेरा काम मैं तुझे वहीं पर बताऊंगा इसे देखकर जो लोग शेट्टी की कभी गुलाम हुआ करते थे सारे लोग सर उठा कर सलाम करते हैं रॉकी को, और अब इसी के साथ हीरो की पहुंच जाता है बेंगलुरु जहांपुर से रोड पर नाचती भी एक लड़की मिलती है।
जो कि काफी अयाश होती है और इस बेंगलुरु के सबसे बड़े माफिया की बेटी होती है जिसका नाम होता है रीना उसे देखकर रॉकी का दिल उस पर आ जाता है और वहां पर मौजूद लोगों से काफी मारपीट करता है यह बात जब कमल को पता लगती है कि रीना को किसी ने छेड़ा है क्योंकि बहुत से प्यार करता था तब वह आपने उसे गुंडों से मरवाने के लिए भिजवा देता है मगर रॉकी भी कहां पर काम था और वह उन सभी को ठोक बजाकर उसी का ही ड्राइवर बंद कर गाड़ी में उसके साथ बैठ कर वहां से निकल जाता है और यहीं पर इस कहानी का मेरा सबसे फेवरेट मोमेंट आता है जहां पर एक मां अपने बच्चे के साथ में एक डबल रोटी के साथ रोड को क्रॉस कर रही होती है मगर किसी की वहां पर ऑन बजा देने की वजह से उसकी डबलरोटी जमीन पर गिर जाती है और वह मां अपने बेचारे बच्चों को लेकर उसके टुकड़े की ओर जाने लगती है मगर हर कोई रोड से गुजारा होता है।
इस वजह से उस टुकड़े को उठा नहीं पति है यह सारा वाकया रॉकी वहां पर बैठ कर देख रहा होता है और तब वहां पर अपनी कार से गन निचे करता है तो जो भी लोग वहां पर चल रहे होते है वह सब रुक जाते है और यह सारा वाकया वहां पर बैठी रीना भी दिख रही होती है इसके बाद रोकी गाड़ी से उतरकर उस मां के पास में आकर उसे को डबल रोटी देता और कहता है कि मैं जानता हूं कि भूख की कीमत क्या होती है। क्योंकि किसी वक्त मैंने भी ऐसी भूख का सामना किया मगर तुम्हें इन लोगों से लड़ना होगा अपने हक के लिए जीतना होगा अगर तुम यह सब नहीं करोगी तो यह सब लोग तो मैं कहीं का नहीं छोड़ेंगे।
और तब वहां पर उसे ट्रक नजर आते हैं जिनके अंदर गोल्ड के बॉक्स थे अब वह तो यह समझ रहा था कि शेट्टी के पास में जो माल आता है वह सीधा अफ्रीका से आता है और जब वह डब्बा खोलकर दिखता तो सब पता चलता है कि यह सारा माल तो बेंगलुरु से आ रहा है इसका मतलब यह है कि शेट्टी का जो पूरा माल गोल्ड सारा अफ्रीका से नहीं बल्कि यही इंडिया में ही बनता है और यही परी फैलता है तो आखिर इन सभी के पीछे है कौन है और यह गोल्ड का सारा माल एक्चुअल में है किसका। वह तो अभी तक ही सोच रहा था कि शेट्टी सबसे बड़ा गुंडा मगर अब उसकी नजरों में आ चुका था इससे बड़ा कोई ना कोई तो है जिसका यह सारा माल है।
वहीं पर सीन शिफ्ट होता है शाम को जहां पर अब रीना अपनी पार्टी में थी और वहां पर उसे छोड़ने के लिए वापस से रोक ही आ चुका होता है मगर इस बार रीना अपनी पूरी तैयारी में थी और वह कमल को कॉल करके अपनी पूरी टीम को वहां पर बुला चुकी थी तो वहां पर कमल उसे चैलेंज देता है कि पूरी टीम तेरे सामने बस इसे छू कर दिखा अगर तूने छू लिया तो यह तेरी वरना तू यहां से गया। अब वहां पर सबसे पहले रॉकी इन सभी लोगों को देखकर वहां से पीछे हटने की कोशिश करता है तो हर कोई चिल्लाने लगता है क्या हुआ फट गई जा रहे हैं। यहां से और थोड़ी देर के बाद वहां पर लाकर एक पेट्रोल टैंकर में ठोक देता है जिसकी वजह से पूरी जमीन पर पेट्रोल ही पेट्रोल फ़ैल जाता है। और फिर चलाता भी सिगरेट और उसके गाल पर हाथ रखने से पहले कहते हैं कि मर्द वह नहीं होता जो औरत को छू कर उसे अपने पास रख ले मर्द को होता है जो अकेला कर सभी को फेल कर निकल जाए और वहां पर उसकी डिलीवरी देखकर।
अब पहुंच जाता है राजेंद्र देसाई पे और कहता है कि यह वही बंदा है जिसको हमने गरुड़ा को मारने के लिए बुलाया कमल तू यहां से चला जा हमें कुछ प्राइवेट बात करनी है और अब सभी के बीच में एक प्राइवेट मीटिंग होती है जिसके अंदर वह चारों मिलकर गरुड़ा को जान से मरवाने की प्लानिंग करते हैं तो वहां पर गुरु पांडियन कहता है कि गरुड़ा इतनी आसानी से नरसी से बाहर नहीं आएगा। उसे बहार बुलाने के लिए क्यों ना उसके पिता की प्रतिमा एक बड़ा स्टैचू बनाया जाए उसे सम्मान देने तो उसको नरसी से बाहर आना ही पड़ेगा। और वही मौका मिलेगा हमें उसे जान से मारने का तब वहां पर रॉकी कहते हैं कि ठीक है
यह काम आपका मैं कर दूंगा बस मुझे एक बंदूक आप कहीं से भी अरेंज करवा दीजिएगा और अब वह से वह दिन आता है जब गरुड़ा की उन सभी लोगों के सामने एंट्री होती है वह दिन था जहां पर उनके पिता सूर्यवर्धन की प्रतिमा आप सभी लोगों के सामने प्रदर्शित की जाने वाली थी और वहीं से अब रॉकी भी तैयार था एक गन के साथ में गरुड़ा को जान से मारने के लिए सारी प्लानिंग ही सारा सबकुछ तो ऑलरेडी गरुड़ा को मालूम था कि उसके आदमी तो इन सभी पर ऑलरेडी नजर रखे हुए थे और जब उस प्रतिमा से पर्दा हटता है तो वह सूर्यवर्धन उसके पिता की नहीं बल्कि उसकी खुद की सबसे बड़ी मूर्ति होती वह कहता है कि मेरे पिता ने इस साम्राज्य को बनाने के लिए तुम सब लोगों पर विश्वास किया मगर मैं इससे भी बड़ा साम्राज्य बनाऊगा।
मैं जाऊं तो अभी भी तुम सभी लोगों को जान से मार सकता हूं मगर मेरे पिता तुम्हारे ऊपर विश्वास करते हैं इसलिए जिस दिन मेरे यहां पर नहीं रहेंगे तो समझ लेना वही दिन तुम्हारा आखरी दिन होगा और यहां पर अब हर कोई दिल के अंदर बैठ जाता है कि न जाने अब सूर्यवर्धन का भगवान को प्यारे और गरुड़ा हमारे ऊपर बरस पड़ेगा। मगर तभी वहां पर रॉकी हाथ उठाकर कहता है कि तुमने मुझे जिस काम के लिए या बेंगलुरु बुलाया है उस काम को करे बिना तो मैं नहीं जाऊंगा तुमने मुझे रुला को मारने के लिए बुलाया था ना तो समझ लेना कि अब उसका काम तो मैं ही तमाम करूंगा। और अब वही से नरसी जाने का डिसाइड करता है यह वह जगह थी जो की किसी नर्क से कम नहीं थी।
यहां पर जबरदस्ती गांव से लाकर लोगों को मजदूरी करवाई जाती थी करीब 20000 मजदूरों के ऊपर 405 सैनिक सिपाही मौजूद थे जो कि उनके गलती करने पर उन्हें जान से मार दिया करते थे दिन में 12 घंटे काम करवाया जाता था जमीन में 900 फुट नीचे वह भी उन लोगों के बीच में जो जानवर से कम नहीं थे क्योंकि वह हर उस शख्स को मार दिया करते थे जो कि काम करने में अब कैपेबल नहीं होता था और यहां पर सबसे बड़ी तीन मुश्किलें थी सबसे पहले तो वाइट लाइन दूसरी थी वहां का दरवाजा और तीसरी थी वहां का सैनिक अधिकारी जिसका नाम था वन राम।
यह तीनों ही चीजें मौत से कम नहीं थी क्योंकि जो वाइट लाइन को पार करता उसे भी जान से मार दिया जाता अगर कुछ दरवाजे से बाहर निकलता तो उसे भी जान से मार दिया जाता और अगर कोई सैनिकों पर आंख उठाकर भी देखता तो उससे भी जान से मार दिया जाता। रॉकी के वहां पर आ जाने से मानो एक नई लहर सी दौड़ गई थी वहां पर कुछ लोगों को तो यह लगता है कि यही है हमारा मसीहा जो हमें यहां से निकालेगा।
नरसी लाइमस्टोन थोड़ी ही दूर में अब सूर्यवर्धन का घर दिखाया जाता है जहां पर हमें दिखाई पड़ता है गरुड़ा जो कितना क्रूर था कि उसके बारे में क्या कहा जाए वहां पर वह कुछ बंदी बनाए लोगों को अपने सामने लेकर आता है और उन्हें खाने के लिए भरपेट खाना देता है उसका एक और भाई जिसका नाम होता है विराट होता है जो की लंदन से पढ़ कर यह आया होता है और वह आपने सेक्रेटरी से पूछता है कि आखिरी लोगों पर इतना कुर्बान क्यों हो रहा है यह तो वह लोग है जो की गरुड़ा को मारने आये थे तो यह नहीं खिला पिला क्यों रहा है वापस का सेक्रेटरी बताता है कि आने वाली काली मां की पूजा पर वह बकरों को नहीं बल्कि इंसानों को हलाल करने वाला है और यह बात सुनते ही विराट को काफी ज्यादातर ढका लगता है कि एक तरफ तो जो इंसान लोगों को खिला पिला रहा है उनकी सेवा कर रहा है वही वो अपना मतलब पूरा करते ही उन्हें जान से मार डालेगा।
वहीं कहानी शिफ्ट होता है कि KGF में जहाँ पर हमें दिखाया जाता है कि एक अंधा बूढ़ा भी होता है जो कि काफी टाइम से अंधा होता है मगर वहां के सैनिकों को उसके बारे में पता नहीं होता और गलती से एक दिन वह बूढ़ा इंसान वहां पर एक चट्टान से टकरा जाता है तो वहां के सैनिकों को पता चल जाता है की अँधा है और वह इसे कहते है की यह बढ़ाओ चल हमारे सामने आ और पगड़ी उतार कर इस टोकरी में डाल अगर तूने टोकरी में डाल दे तो हम तुझे छोड़ देंगे और अगर तू नहीं डाल पाया तो हम समझ जाएंगे कि तुम हमारे किसी काम का नहीं है और जो होना था वही होता है वह अंधा बेचारा क्या जानता की आखिर टोकरी कहां पर रखे और गलती से उसकी पगड़ी जमीन पर गिर जाती है इसी वजह से वहां पर उनका सैनिक किसका नाम बता रुगा हुआ वह उसे पकड़कर मारने के लिए जमीन में अंडरग्राउंड ले जाता है यहां पर रॉक इतने सारे जुल्फों को देखकर अब इतना मजबूत हो चुका था कि वह जानता था कि अब वह इन गुनाओ को और अब नहीं सहेगा।
और यह जो लोग हमारे पर अत्याचार कर रहे हैं उन सभी का लेगा। और वह लड़ने के लिए अपना हथोड़ा लेकर पहुंच जाता है सीधा रुका को मारने के लिए और वह के लाइट्स बंद करके एक-एक सैनिक को धड़ाधड़ पीटने लगता है और वहां पर सभी को मारकर उन सभी लोगों के अंदर अपना एक दबदबा बना लेता है उसकी मां ने एक बात कही थी अगर तुम अकेले लोगों की हेल्प करने के लिए खड़े तो हजार दो तुम्हारी सहायता करेंगे लेकिन अगर हजार लोग तुम्हारी सहायता करेंगे तो समझ लेना कि पूरी दुनिया अब तुम्हारी सहायता करने के लिए सामने आएगी और आप जो मौजूद केजीएफ में 20000 मजदूर होते हैं उसके एक बार कहने पर जान तक देने के लिए तैयार थे।
धीरे-धीरे समय पड़ता जो आता है और अब वह दिन आता है जिस दिन काली मां की पूजा होने वाली थी और वहीं दूसरी ओर आपकी KGF मेंटेनेंस के रूम के थ्रू अब वह रॉकी को पता चल चुका था कि कौन सी ट्रनल में जाने से वह सीधा नरसी के गरुड़ा वाले घर में पहुंच सकता है एक तरफ तो गरुड़ा मां काली की पूजा के लिए निकला होता है वहीं पर उसका सैनिक वन राम पूरे घर के अंदर ढूंढ रहा होता है कि कहीं वह इंसान यहां पर तो नहीं आया जिसने हमारे बाकी के लोगों को जान से मारा है या गरुड़ा आपने उन्हीं तीन लोगों को हलाल करने लगता है जिनकी बलि देने के लिए उसने पहले डिसाइड कर लिया होता है मगर जैसी वह दो लोगों को काटता है वहीं दूसरी और वन राम को पता चलता है कि तीसरा शख्स तो यहां नरसी के अंदर मरा पड़ा है।
तो आखिर वहां पर जो तीसरा सबसे वह कौन है और वह तीसरा शख्स और कोई नहीं बल्कि खुद रोके निकलता है जो कि उसी की तलवार से उसका गला काट देता है और यह पर नरसी के मेन विलन का एंड होता है अब एक तरफ तो 400 गांव की चाहते तो बंदूक से उसे मार सकते थे मगर जो 20000 मजदूर अब उसके साथ उनकी वजह से वह 400 ऐसा नहीं कर पाते और अब यह पुराना नरसी यानी कि पूरा कोलार गोल्ड फील्ड और रॉकी का हो चुका था और इसी के साथ इसका चैप्टर वन यहीं पर खत्म होता है। और KGF CHAPTER 2 की भी स्टोरी बहुत जल्द हमारे साइट पर आने वाली वाली है आप सभी को थोड़ा सा वेट करना होगा।